BHARAT KE MANDIR —
(शिवजी के पसीने से बना शिवलिंग)
अन्तरा / चौपाई (Chorus)
भारत के मंदिर माँजें, श्वेत उजियारा मिलिंग —
शिवजी के पसीने से बना यही शिवलिंग।
घट-घट में महके भक्ति, बाँहों में आशीर्वाद लिंग —
धरती बोले: ओ रघुपति! छू लो ये शिवलिंग।
अंतरा 1
नदी की लहरों में बसे, गंगा के स्वर में गूँज,
बाँसुरी सी व्याकुलता, धूप-धु पाँवों में धूँज।
कण-कण में जो उजाला, अंधेरों का कर दे अंत,
शिव के पसीने ने जिया, धरती का पावन खण्ड।
अंतरा 2
पेड़ों की छाँव सी शीतल, पर्वत-शिखरों का शृंगार,
निशा की चादर ओढ़े, तारों से सजा उद्धार।
हृदय के मंदिर में बजता, जप का अनवरत सागर,
इसी पसीने के संग खड़ा, अटल बन गया शिवलिंग।
अंतरा 3
करुणा की जल-धारा से, कर्मों का हुआ संधान,
दुःख-पीड़ा को छू कर भी, बन गया प्रकाशमान।
भू-जन-जन का विश्वास ये, बनकर रहा अनमोल,
शिव की मृदु छवि में बँधा, पसीने का उज्जवल गोल।
समाप्ति (Coda)
जय शिव शम्भो, जय बम बम बोले मन,
भारत के मंदिरों में गूँजे, पसीने का ये गान।
यदि चाहें तो:
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मैं इन्हें भजन स्वर में स्वरलिपि (सरगम) में दे सकता/सकती हूँ।
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चाहे तो मैं गीत की लय (ताल—ऊदा/दोहरा/केहरवा) और साधारण कॉर्ड प्रोग्रेशन भी दे दूँ।
बताइये कौन सा विकल्प चाहेंगे — मैं तुरंत वही बना देता/देती हूँ।
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